
पैक्सपैड विभाग मुरादाबाद के इंजीनियर और ठेकेदार मिलकर कर रहे सरकार की नीतियों पर प्रहार
मास्टर युग उत्तर प्रदेश
मुरादाबाद में जो तमाशा चल रहा है उसको सुनकर तो हर कोई हैरान है यह उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ लिमिटेड (यू.पी.आर.एन.एस.एस) निर्माण प्रखंड मुरादाबाद का दफ्तर है l यहा के इंजीनियर खुलकर ठेकेदारों से मिलकर भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया है l ठेकेदार हर कार्य के लिये इंजीनियरों को नोटों के बंडल देकर चला जाता है l फिर चालू होता है काम ना ही कोई इंजीनियर साइट पर जाते हैं और ना ही कार्य चेक किया जाता है ऐसा ही मामला राज्य कर विभाग मुरादाबाद में चलता मिला है l जहां पर राज्य कर विभाग की कुछ जगह पर बरसात में टपकने की शिकायत आती है उस दौरान जो राज्य कर विभाग के कार्य देखने वाला विभाग उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ लिमिटेड के द्वारा एक मोटा अमाउंट का एस्टीमेट तैयार किया जाता है l

चार टॉयलेट का कार्य और राज्य कर विभाग की ऊपर वाली छत पर वाटर प्रूफिंग से लेकर ब्रिकोवा का एस्टीमेट एक करोड़ पांच लाख रुपए का पास होता है l इसी में चालू होता है विभाग का कार्य इंजीनियर और बड़े अधिकारी मिलकर करते हैं वॉटरप्रूफ के नाम पर लीपापोती और इंजीनियर पूरी तरह से ठेकेदार से बेफिक्री उल्टा सीधा करने को तैयार है ठेकेदार क्योंकि इंजीनियर और बड़े अधिकारियों का हाथ ऐसे ठेकेदार पर जब रखा जाता है तो वह निश्चित ही बेफिक्र से उल्टा सीधा काम करता है और मानक के बिल्कुल विपरीत करता है आप देख सकते हैं की वायरल हुई वीडियो के फोटो में कुछ मजदूर एक भरी हुई ट्राली जो हाथों से चलती है वह छत पर बाजार फुट और बजरी ला रहे है और एक ढैर बना देते है जिसमें कुछ मिस्त्री और लेबर आती हैं और बिना नापे सीमेंट डालकर मिला देती है पूरी वॉटरप्रूफ में ऐसे ही बिना नापे मसाला मिलते हैं जो मानक के बिल्कुल विपरीत है मास्टर युग की टीम ने सूत्रों के अनुसार हमने एक्सपर्ट इंजीनियर से बात करी उन्होंने बताया कि वॉटरप्रूफ और ब्रिकोवा पहले तो पूरी छत को एक साथ सफा कर लेते हैं और फिर बाद में सफा हुई छत पर सीमेंट और केमिकल का लेप बनाकर कोटिंग किया जाता है जिसे छत मैं पानी ना बैठे लेकिन आप देख सकते हैं की वायरल वीडियो वाले फोटो में ऐसा कुछ नहीं हो रहा और जगह-जगह पर बाजार फुट का ढेर लगाकर काम कर रहे हैं

और आप देख सकते हैं कि चारों तरफ पानी दिख रहा है और वॉटरप्रूफ के नाम पर सीमेंट की मात्रा कम डालकर मसाला मिलाकर काम कर रहे है यह बिल्कुल मानक के विपरीत दिखता है सूत्रों की माने तो राज्य कर विभाग की छत को टेस्टिंग के लिए बाहर से इंजीनियर बुलाई जाए ताकि पता चल सके की कितनी मात्रा में सीमेंट डाल रखा है और कितनी मात्रा में केमिकल l इसकी टेस्टिंग होने चाहिए तब दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा l जो ठेकेदार विभाग का कार्य कर रहा है उस पर इंजीनियर भी अनदेखी करते हैं और काम को सही तरीके से नहीं करवाते हैं ऐसे भ्रष्ट इंजीनियरों पर बड़े अधिकारी को होना चाहिए की ऐसे इंजीनियरों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने से ना बचे और ऐसे इंजीनियरों पर आय से ज्यादा संपत्ति की भी जांच करें ताकि ऐसे इंजीनियरों को भ्रष्टाचार का मौका ना मिल सके जो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की योजनाओं पर पानी फेर रहे हैं ऐसे इंजीनियरों पर और ठेकेदारों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए जिन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार की नीतियों को खोखला बना दिया है अगली खबर इन इंजीनियरों के नाम भी खोले जाएंगे जो ठेकेदारों को बढ़ावा दे रहे हैं और मानक के विपरीत काम कर रहे हैं l

