
उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ लिमिटेड मुरादाबाद के इंजीनियर और ठेकेदार मिलकर कर रहे सरकार की नीतियों पर खोखला और करोड़ों की लूट
मास्टर युग उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ लिमिटेड (यूपीआर.एन.एस.एस) निर्माण प्रखंड
मुरादाबाद में जो तमाशा चल रहा है उसको सुनकर तो हर कोई हैरान है यह उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ लिमिटेड (यू.पी.आर.एन.एस.एस) निर्माण प्रखंड मुरादाबाद का दफ्तर है l यहा के इंजीनियर खुलकर ठेकेदारों से मिलकर भ्रष्टाचार खुलकर कर रहे हैं l ऐसा ही एक मामला राज्य कर विभाग से जुड़ा है जो राज्य कर विभाग की छत की वॉटरप्रूफ और ब्रिकोवा हुआ है ठेकेदार ने वाटर प्रूफिंग और ब्रिकोवा के नाम पर उत्तर प्रदेश सरकार के करोड़ों रुपए ठिकाने लगा दिए हैं और काम के नाम पर ठेकेदार ने इंजीनियरों से मिलकर बंटर वाट देखने को मिल रहा है l काम के नाम पर इंजीनियर ने एक मजाक बना दी है और एक मोटी रकम लेकर काम का सत्यानाश मार दिया है काम पर ना ही कोई इंजीनियर साइट पर गये हैं और ना ही कार्य चेक किया गया है ऐसा ही मामला राज्य कर विभाग मुरादाबाद में चलता मिला l

जहां पर राज्य कर विभाग की कुछ जगह पर बरसात में टपकने की शिकायत आती है उस दौरान जो राज्य कर विभाग के कार्य देखने वाला विभाग उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ लिमिटेड के द्वारा एक मोटा अमाउंट का एस्टीमेट तैयार किया जाता है l चार टॉयलेट का कार्य और राज्य कर विभाग की ऊपर वाली छत पर वाटर प्रूफिंग से लेकर ब्रिकोवा का इंजीनियर द्वारा बताया गया एस्टीमेट एक करोड़ पांच लाख रुपए का पास हुआ है l इसी में चालू होता है विभाग का कार्य इंजीनियर और बड़े अधिकारी मिलकर करते हैं वॉटरप्रूफ के नाम पर लीपापोती और इंजीनियर पूरी तरह से ठेकेदार से बेफिक्री उल्टा सीधा करने को तैयार है ठेकेदार क्योंकि इंजीनियर और बड़े अधिकारियों का हाथ ऐसे ठेकेदार पर जब रखा जाता है तो वह निश्चित ही बेफिक्र से उल्टा सीधा काम करता है और मानक के बिल्कुल विपरीत करता है आप देख सकते हैं की वायरल हुई वीडियो के फोटो में बिना वॉटरप्रूफ के टूटी हुई ईटे बिछाई गई हैं बिल्कुल यह मानक के विपरीत काम हो रहा है ऐसे इंजीनियर जो ठेकेदार को पूरी तरह से अनदेखी करते हैं क्योंकि ठेकेदार उनकी जेबे गरम कर देते हैं

और नजर अंदाज कर भूल जाते हैं की कोई साइड भी चल रही है जो इंजीनियर इस राज्य कर विभाग के कार्य को देख रहा है इस इंजीनियर की आय संपत्ति की जांच होनी चाहिए ऐसे इंजीनियर को विभाग द्वारा कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए वायरल वीडियो के फोटो में दिखाया गया है कि बड़े-बड़े ढैर बाजार फुट के लगाकर बिना नापे सीमेंट की मात्रा भी ना के बराबर डालकर कार्य समाप्त किया गया है जिसमें बड़ा भ्रष्टाचार किया गया है जिसमें कुछ मिस्त्री और लेबर आती हैं और बिना नापे सीमेंट डालकर मिला देती है पूरी वॉटरप्रूफ में ऐसे ही बिना नापे मसाला मिलते हैं जो मानक के बिल्कुल विपरीत है मास्टर युग की टीम ने सूत्रों के अनुसार हमने एक्सपर्ट इंजीनियर से बात करी उन्होंने बताया कि वॉटरप्रूफ और ब्रिकोवा पहले तो पूरी छत को एक साथ सफा किया जाता हैं और फिर बाद में सफा हुई छत पर सीमेंट और केमिकल का लेप बनाकर कोटिंग कि जाती है जिसे छत मैं पानी ना बैठे लेकिन आप देख सकते हैं की वायरल वीडियो वाले फोटो में ऐसा कुछ नहीं हो रहा और जगह-जगह पर बाजार फुट का ढेर लगाकर काम कर रहे हैं और आप देख सकते हैं चारों तरफ पानी ही पानी दिख रहा है और वॉटरप्रूफ के नाम पर सीमेंट की मात्रा कम डालकर मसाला मिलाकर काम कर रहे है

यह बिल्कुल मानक के विपरीत दिखता है सूत्रों की माने तो राज्य कर विभाग की छत को टेस्टिंग के लिए बाहर से इंजीनियर बुलाई जाए ताकि पता चल सके की कितनी मात्रा में सीमेंट डाल रखा है और कितनी मात्रा में केमिकल l इसकी टेस्टिंग होने चाहिए तब दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा l जो ठेकेदार विभाग का कार्य कर रहा है उस पर इंजीनियर भी अनदेखी करते हैं और काम को सही तरीके से नहीं करवाते हैं ऐसे भ्रष्ट इंजीनियरों पर बड़े अधिकारी को होना चाहिए की ऐसे इंजीनियरों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने से ना बचे और ऐसे इंजीनियरों पर आय से ज्यादा संपत्ति की भी जांच करें ताकि ऐसे इंजीनियरों को भ्रष्टाचार का मौका ना मिल सके जो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की योजनाओं पर पानी फेर रहे हैं और पैसे का बंटर बाट कर रहे हैं ऐसे इंजीनियरों पर और ठेकेदारों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए जिन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार की नीतियों को खोखला बना दिया है l

