
मुरादाबाद में सामने आया जमीनों में 700 करोड़ का महा घोटाला
मास्टर युग
ग्राम डेटोरा ड़ेटोरी मंगूपुरा से लाकड़ी फाजलपुर तक जांच पूरी हो चुकी है उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव के आदेशनुसार जिलाधिकारी मुरादाबाद के तत्वाधान में तहसील सदर एसडीएम डॉक्टर राम मोहन (IAS) मीणा द्वारा जांच कराई गई मुरादाबाद मैं लगभग 700 करोड़ का महाघोटाला सामने निकल कर आया है

इस जांच में तीन बिंदुओं पर काम किया गया है जिसमें पहला बिंदु मंगूपुरा जिसमें ग्राम समाज की जमीनो पर अवैध कब्जे किए गए थे जो मौजूदा रेत तथा नदी है इसमें 4.95 एकड़ जमीन को मुक्त कराया गया है जिसका रकबा खुर्द-बुर्द किया गया है
दूसरा बिंदु डेटोरा डेटोरी मंगूपुरा में 18.37 एकड़ जमीन को भूमाफिया द्वारा बेच दिया गया था जिसे जिला प्रशासन द्वारा खुर्द बुर्द किया गया है तथा सबसे बड़ा रकबा जो फाजलपुर लाकड़ी का है जिसमें सबसे बड़ा महा घोटाला सामने निकल कर सामने आया है जो रकबा 59.37 एकड़ रेत नदी की जमीन हुआ करती थी उसको भू माफिया द्वारा बेच दिया गया था उस रकबे को जिला प्रशासन द्वारा खुर्दू बुर्द कर दिया गया है जो रकवा किसानों के नाम कर दिया गया है इन तीनों बिंदुओं में 3807 खतौनी संख्या में महा घोटाला सामने निकलकर आया है मुरादाबाद के इंडस्ट्रियल एरिया मैं अपनी बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियां बना ली है जो लाकड़ी में महाघोटाले को दर्शाती है 700 करोड़ रुपए का जमीन का महा घोटाला सामने निकलकर आया है जल्दी अब जिला प्रशासन इन भू माफियाओं पर बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव द्वारा निर्देशनुसार जिलाधिकारी मुरादाबाद को इस लगभग 700 करोड़ रुपए की महा घोटाले की जांच के निर्देश दिए थे जिसमें जिलाधिकारी मुरादाबाद ने तेज तर्रार आत्मविश्वासी मुरादाबाद सदर एसडीएम डॉक्टर राममोहन मीणा (IAS) को जांच सोपी थी जिसमें सदर एसडीएम ने अपनी रातों दिन ताकत झोंक दी 18- 18 घंटे लगातार रोज जांच में लगे रहे जिसमें परिणाम लगभग 700 करोड रुपए का महा घोटाला सामने निकलकर उजागर किया है जिसमें भूमाफियाओं ने बड़े-बड़े प्रोजेक्ट और फैक्ट्री बना रखी है सरकारी ग्राम समाज की जमीन को कब्जा कर कर प्रोजेक्ट बनाने के बाद इस खसरा नंबर को रिकॉर्ड से डिलीट कर दिया गया था उसे एक बहुत बड़ी साजिश रची गई थी और मुहाफिजखाने तक में पुराना नक्शा गायब करके चेंज कर दिया गया था और नया नक्शा रकवा बना दिया गया तथा नए नक्शे में खसरा नंबर 3807 नहीं था लेकिन 700 करोड़ की सरकारी जमीन को कब जाने वाले खिलाड़ी एक चूक कर गये उसमें खसरा नंबर नशे से तो हटा दिया गया लेकिन खतौनी में उसे डिलीट नहीं कर पाए जिसे मामला सामने निकल कर आया जिला प्रशासन अब ऐसे भूमाफियाओं और फैक्ट्री वालों को चिन्हित कर कर उन लोगों पर बड़ी जल्दी कानूनी कार्यवाही की तैयारी कर रहा है