मास्टर युग
मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार योगी आदित्यनाथ ने आज डॉ0 भीमराव आंबेडकर पुलिस अकादमी में 74 प्रशिक्षु पुलिस उपाधीक्षकों के प्रशिक्षण उपरांत दीक्षांत परेड की ली सलामी । परेड की कमांड प्रशिक्षु उपाधीक्षक उदित नारायण पालीवाल ने ली। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सर्वांग सर्वोत्तम में प्रखर पांडेय को स्वोर्ड ऑफ़ ऑनर से नबाजा, इंडोर सर्वोत्तम में आकांक्षा पांडेय को, आउट डोर सर्वोत्तम में उदित नारायण पालीवाल को सम्मानित किया।
इस अवसर पर उन्होंने प्रशिक्षु उपाधीक्षकों को सिविल पुलिस बल का हिस्सा बनने के लिए बधाई देते हुए मंगलमय शुभकामनाएं दी। उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों से कहा कि आपने प्रशिक्षण के दौरान जो अनुशासन का प्रदर्शन किया है वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान, कानून व्यवस्था, विधि विज्ञान, मानव विकास, साइबर क्राइम, पुलिस रेगुलेशन, फोरेंसिक, भाषा ज्ञान इत्यादि से जुड़े हुए विभिन्न विषयों के बारे में अध्ययन कराया गया साथ ही तीन नए कानून भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के रूप में इन नये कानूनों के बारे में भी प्रशिक्षु अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री ने स्मार्ट पुलिसिंग की अवधारणा दी है, जिसके अनुसार स्मार्ट पुलिसिंग जितनी स्ट्रिक्ट हो, उतनी ही सेंसिटिव भी हो, मॉडर्न हो लेकिन मोबाइल भी हो, अलर्ट हो, लेकिन अपने कार्य के प्रति उतनी ही अकाउंटेबल भी हो, रिलायबल भी हो, लेकिन रेस्पॉन्सिव भी हो, सक्षम हो और संवेदनशील भी हो।
उन्होंने कहा कि पुलिसिंग व्यवस्था में सुधार करते हुए लखनऊ में स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फोरेंसिक साइंस की स्थापना की गई है ताकि अपराध की जांच स्पष्ट और कम समय में हो। उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों से कहा कि आप एक जिम्मेदार पद पर नियुक्त हो रहे हैं, जहां अपराध नियंत्रण के साथ-साथ कानून व्यवस्था को बनाए रखना एवं पीड़ित व्यक्ति को न्याय प्रदान करने के लिए भी आपको एक सक्रिय भूमिका का निर्वहन करना है। आम जनमानस की सुरक्षा, समाज में शांति और सौहार्द बनाए रखने एवं पुलिस की छवि को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए आप सभी अपना शत प्रतिशत योगदान दें। अपने कर्तव्य पालन के दौरान कठोरता के साथ-साथ विनम्रता का अद्भुत समन्वय बनाए रखते हुए कर्तव्य परायणता, अनुशासन और सत्य निष्ठा का सफल उदाहरण स्थापित करें। उन्होंने कहा कि पुलिस को देखकर लोगों में सुरक्षा और विश्वास का भाव जागृत होना चाहिए, आपको उनके विश्वास पर सही साबित होना है, उन्हें सुरक्षा प्रदान करना है। आपकी दक्षता और कर्तव्य परायणता ही किसी पीड़ित की पीड़ा को कम कर सकती है, उसके चेहरे पर मुस्कान ला सकती है।
एक संवेदनशील पुलिस अधिकारी के लिए शीर्ष आयामों की कोई कमी नहीं है यदि वह चाहे तो अपने आचरण से जनमानस की कसौटियों पर खरा उतरते हुए अपनी कर्तव्य निष्ठा और ईमानदारी से एक उदाहरण प्रस्तुत कर सकता है। उन्होंने कहा कि सुदृढ़ कानून व्यवस्था हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। हमारी अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति है। पुलिस व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए सरकार ने अनेक रिफॉर्म किए हैं, पुलिस का आधुनिकीकरण किया है, पिछले 07 वर्ष में पुलिस बल में नई भर्तियों के साथ ही संसाधनों की उपलब्धता में भी अपार वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा कि मिशन शक्ति के अंतर्गत महिला सशक्तिकरण के लिए लखनऊ ,गोरखपुर और बदायूं में महिला पीएसी बटालियन की स्थापना का कार्य तेजी से चल रहा है। उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों से कहा कि दक्ष, न्याय प्रिय ,पारदर्शी ,जन सेवा के प्रति निष्ठावान, संवेदनशील पुलिस बल की स्थापना के लिए यह प्रशिक्षण अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा। दीक्षांत समारोह के उपरांत सभी प्रशिक्षु एक गौरवशाली पुलिस बल का हिस्सा बनने जा रहे हैं। सेवा के दौरान कठोरता और विनम्रता का समन्वय स्थापित करना है।
दीक्षांत समारोह में डीजीपी प्रशांत कुमार, एसीएस दीपक कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक/ निदेशक डॉ भीमराव अंबेडकर पुलिस अकादमी, जनप्रतिनिधिगण अधिकारीगण आदि उपस्थित रहे।